बड़ी डील; 5 कैदियों के बदले ईरान को 50 हजार करोड़ देगा अमेरिका

बड़ी डील; 5 कैदियों के बदले ईरान को 50 हजार करोड़ देगा अमेरिका

वाशिंगटन। ईरान और अमेरिका के बीच कैदियों को छुड़ाने को लेकर एक डील हुई है। इस डील से परिचित अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका अपने नागरिकों के बदले साउथ कोरिया में सीज किए गए ईरान के 6 अरब डॉलर रिलीज करेगा। अमेरिका ने कहा है कि जब कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा तो ईरान को कतर के रास्ते पैसा भेजा जाएगा। यह रिहाई अगले महीने होने की संभावना है। डील के तहत ईरान ने गुरुवार को अपनी कुख्यात एविन जेल से अमेरिकी कैदियों को निकाल दिया है और उन्हें एक होटल में नजरबंद करके रखा है। कैदियों में सियामक नमाजी, इमाद शार्गी और पर्यावरणविद मोराद तहबाज शामिल हैं, जिन्हें जासूसी के निराधार आरोप में जेल में डाल दिया गया था।

ईरान मूल के हैं सभी अमेरिकी नागरिक

जानकारों के अनुसार बंधक बनाए गए ये सभी अमेरिकी नागरिक ईरान मूल के हैं। कैदियों में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाले अमेरिका स्थित वकील जेरेड गेन्सर ने कहा कि पांचों को भारी सुरक्षा के साथ एक होटल में रखा गया है। गेन्सर ने कहा कि ईरान द्वारा अमेरिकी बंधकों को एविन जेल से बाहर निकालना एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है।

बाइडेन को झेलनी पड़ सकती है आलोचना

इस समझौते से अमेरिका में राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार को रिपब्लिकन और अन्य पार्टियों की तरफ से नई आलोचना झेलनी पड़ेगी। इससे ईरानी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि अमेरिका इस सौदे के तहत ईरान को प्रतिबंधों में राहत नहीं देगा। यह सौदा फारस की खाड़ी में एक अमेरिकी सैन्य जमावड़े के बीच हुआ।

ये हैं पांच कैदी

  • ईरान ने सियामक नमाजी को 2015 में गिरμतार किया। एक साल बाद जासूसी के आरोप में 10 साल की सजा सुनाई गई थी।
  • मोराद तहबाज को 2018 में गिरμतार किया था। जासूसी के आरोप में 10 साल की सजा मिली। 
  • इमाद शार्गी पर 2020 में जासूसी का आरोप लगा और 10 साल की सजा भी सुनाई गई थी। 
  • 2 लोगों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है। हालांकि इनमें एक वैज्ञानिक और दूसरा व्यवसायी है।

ऐसे ईरान पहुंचेगा पैसा

धनराशि को पहले दक्षिण कोरियाई मुद्रा से यूरो में परिवर्तित किया जाएगा और फिर कतर में एक खाते में भेजा जाएगा, जिसके बाद ये ईरान तक पहुंच जाएगा। यह सब इसलिए किया जा रहा है, ताकि धनराशि का उपयोग मानवीय उद्देश्यों में न हो सके।