कॅरियर गोल ही काफी नहीं, परिवार के लिए फैमिली गोल भी करें सेट

नेशनल फैमिली डे आज : परिवार में जुड़ाव पर लिखी जा रहीं किताबें

कॅरियर गोल ही काफी नहीं, परिवार के लिए फैमिली गोल भी करें सेट

 परिवार का साथ हर इंसान के जीवन में अहम होता है लेकिन कई बार परिवार की मजबूती को इंसान पहचान नहीं पाता। दुनिया भर में रिश्ते मजबूत करने के चक्कर में कई बार परिवार में रिश्ते बिखरे नजर आते हैं। यही वजह है कि फैमिली फर्स्ट की चर्चा मोटिवेशनल स्पीकर्स से लेकर दुनिया भर की जानी-मानी शख्सियत कर रहीं हैं क्योंकि तनाव से भरे इस दौर में एक परिवार ही है जिसका साथ हमेशा मिलता है। इसमें अपने ब्लड रिलेशन के अलावा अब एक्सटेंडेड फैमिली को भी शामिल किया जाता है। वहीं मनोविशेषज्ञों का कहना है हम कॅरियर गोल सेट करते हैं, लाइफ गोल औरकपल गोल भी सेट करते हैं लेकिन अब समय आ गया है कि सभी अपने फैमिली गोल भी सेट करें कि आखिर वे अपने परिवार को मजबूत करने और सभी के बारे में कितनी जानकारी रखते हैं। आने वाले समय में उनका परिवार कैसा होगा। यही वजह है कि अब फैमिली को लेकर कई किताबें भी लिखी जा रही हैं ताकि लोग खुद को अपने परिवार को करीब पाए और परिवार के करीब हो सकें।

फैमिली फर्स्ट कहना काफी नहीं, मानना भी होगा

परिवार का साथ मुश्किल वक्त पर सबसे ज्यादा अहम हो जाता है। घर का कोई सदस्य जब कॉल करके दूसरे सदस्य से कहें कि मुझे तुम्हारी जरूरत है या मैं घर वापस आना चाहता हूं तो उसे तमाम तरह से सांत्वना देने की बजाए, आ जाओ मैं हूं यहां, बस इतना कहना काफी होता है। हम कई मामलों में देख रहे हैं कि जब बच्चा कोचिंग या कॉलेज की पढ़ाई के लिए बाहर होता है, और एक दिन कॉल करके कहता है कि मेरा मन नहीं लग रहा , मैं कुछ दिन घर आना चाहता हूं तो यह कहने की बजाए कि पढ़ाई का नुकसान होगा, उससे कहें कि बिल्कुल आ जाओ। एक परिवार से यही अपेक्षा की जाती कि बस वो साथ दे। अपने परिवार के साथ कभी यूंही बैठकर बातें करें। अब सभी को जागरूक होकर अपने कॅरियर गोल के अलावा फैमिली गोल भी सेट करना सीखना चाहिए। डॉ. शिक्षा रस्तोगी, लेखक व मनोविशेषज्ञ

फैमिली बॉन्डिंग पर लिखी जा रहीं किताबें

फैमिली बॉन्डिंग को लेकर अब कई किताबें भी लिखी जा रहीं हैं, जिसमें पारिवारिक मजबूती से लेकर अच्छी फैमिली की खास बातें आदि को शामिल किया जा रहा है।

  •  फैमिली बॉन्डिंग : शेरेन लेन 
  • 7 हैबिट्स आॅफ हाइली इफेक्टिव फैमिली : स्टेफिन आर. कॉन्वे
  • वी आर फैमिली : सुशन गोलोम्बोक 
  • द ग्रेट इंडियन फैमिली : गीतांजलि प्रसाद

1   किताबों की दुनिया से जानें सफल परिवार की खास बातें।

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40 पार होने पर महसूस होती है परिवार की जरूरत

फैमिली की अहमियत सिर्फ स्टूडेंट्स के लिए ही नहीं होती, उम्र के हर पड़ाव में परिवार की जरूरत होती है। नई-नई शादी के बाद लड़का हो या लड़की परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, 40 प्लस वालों को जब मिड- लाइफ क्राइसिस आता है जब अपने परिवार के साथ की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। अपनी खुशियां ही नहीं बल्कि अपने बच्चों के साथ अपने गम भी साझा करें। उन्हें अपने हालातों से अवगत कराते रहे। परिवार के मुखिया की जिम्मेदारी हमेशा सिर्फ जरूरतें पूरी करने वाले की न हो बल्कि परिवार उसका भी ख्याल रखें यह जरूरी है। राजेश शर्मा, काउंसलर, मनोदर्पण पोर्टल