13 वार्डों की प्यास बुझाने वाले कुली हिल टैंक बदहाल,न मरम्मत न नया निर्माण

13 वार्डों की प्यास बुझाने वाले कुली हिल टैंक बदहाल,न मरम्मत न नया निर्माण

जबलपुर। वर्ष 1959 में बनी शहर की सबसे बड़ी टंकी कुली हिल को नर्मदा जल नसीब नहीं हो पा रहा है। इसके चलते शहर के 13 वार्डों को जलापूर्ति करने वाली यह टंकी परियट जलाशय का पानी पिला रही है। अमृत योजना में भी इसे शामिल न किए जाने से न तो इसकी मरम्मत ही हो पाई है और न ही इसके पुर्नर्निर्माण की ही कोई योजना है।

यह आश्चर्य की ही बात है कि नगर निगम के जिम्मेदारों ने अमृत योजना के तहत 149 करोड़ रुपए से शहर में 16 नई टंकियों का निर्माण तो करवा लिया मगर शहर की सबसे पुरानी व सबसे बड़ी टंकी के बारे में सोचा तक नहीं। यदि इस टंकी का पुर्नर्निमाण करवा दिया जाता तो यह टंकी एक नए स्वरूप में लोगों को पानी देने में सक्षम हो सकती थी। वर्तमान में इसे नगर निगम डर के मारे पूरा भर तक नहीं पा रहा है।

घट गई क्षमता

पहले इस टंकी की क्षमता 16 लाख गैलन की थी मगर देखरेख और मरम्मत के अभाव में इसकी क्षमता लगातार घटती गई वर्तमान में इस टंकी में 8 लाख गैलन पानी ही भरा जा रहा है। इसका दुष्परिणाम नागरिक कम प्रेशर और कम पानी पाकर भुगत रहे हैं।

65 साल पुरानी टंकी

इस टंकी का निर्माण 1959 में किया गया था और शहर की आधी आबादी इस टंकी से पानी प्राप्त करता था। कालांतर में टंकियों की संख्या बढ़ी और आबादी भी,इस टंकी पर लोड कम होता गया। ताजा स्थिति में इस टंकी से 13 वार्ड की जनता पानी प्राप्त कर रही है।

दीवारों से रिसता है पानी

टंकी की दीवारें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि इनसे पानी का रिसाव होता देखा जा सकता है। चौबीसों घंटे पानी का रिसाव जारी रहता है। ननि के जिम्मेदार इससे भली- भांति अवगत हैं और पूछे जाने पर टेंडर प्रक्रिया की बात कहकर टाल देते हैं। इस टंकी के शीघ्र जीर्णाेद्धार की जरूरत है।

फैक्ट फाइल

  • 1959 में हुआ था कुली हिल टंकी का निर्माण
  • 65 साल की हो चुकी टंकी
  • 16 लाख गैलन की थी क्षमता
  • 08 लाख गैलन की बची है भराव क्षमता
  • 13 वार्ड के नागरिकों को होती है जलापूर्ति
  • 02 लाख की आबादी को मिलता है पानी

कुली हिल टंकी के पुर्नर्निमाण की योजना अभी नहीं है। इसकी मरम्मत के लिए समय-समय पर काम होता है। यह टंकी आज भी काफी मजबूत है। -कमलेश श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री,जल विभाग,ननि।

नगर निगम की लापरवाही है पूरे पांच साल मैं इस टंकी के पुर्नर्निमाण और मरम्मत की मांग करता रहा हूं,मगर कतई ध्यान नहीं दिया गया। पूरे क्षेत्र में इस उपेक्षा से आक्रोश व्याप्त है। -संजय साहू,पूर्व पार्षद