आवाज से 10 सेकंड में हो सकेगी डायबिटीज की पहचान

आवाज से 10 सेकंड में हो सकेगी डायबिटीज की पहचान

ओटावा। अब एआई की सहायता से पेशेंट की आवाज के जरिए ही 6 से 10 सेकंड में डायबिटीज रोग की पहचान हो जाएगी। कनाडा के मेडिकल रिसर्चर्स ने मशीन लर्निंग एआई को इसके लिए ट्रेन करने में सफलता प्राप्त कर ली है। एआई को ट्रेन करने के लिए डाइबिटिक पेशेंट तथा नॉन डाइबीटी लोगों के आवाज के नमूने लिए गए तथा एआई को इन आवाजों के अंतर को पहचानना सिखाया गया। आवाज के नमूने भारत के वालंटियर्स से भी लिए गए। परीक्षण में कनाडा के रिसर्चर्स ने पाया कि इस तकनीक से एआई ने डायबिटीज रोग की पुरुषों में 86 प्रतिशत तथा महिलाओं में 89 प्रतिशत सटीकता के साथ पहचान की।

कई परेशानियों से मुक्ति दिलाएगी नई टेक्नोलॉजी: यह एआई डायबिटीज की पहचान के लिए वर्तमान में तकनीक में क्रांतिकारी बदलाव ला देगा। वर्तमान समय में डायबिटीज की जांच के लिए आमतौर पर ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबीन (ए1सी), फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज (एफबीजी) तथा ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (ओजीटीटी) और एसएसएस (स्लिपिंग स्लिपर साइन) का उपयोग किया जाता है। इन सभी परीक्षणों में पेशेंट को हेल्थकेयर प्रोवाइडर के पास जाना होता है। इसमें समय, आने-जाने की परेशानी और खर्च ज्यादा होता है।

डायबिटीज को लेकर लगातार शोध हो रहे हैं। नए शोध से जांच आसान होती है। जितनी जल्दी बीमारी के बारे में पता चलेगा, उतनी ही जल्दी बीमारी का निदान होगा। - डॉ. अविनाश वर्मा, मेडिसिन एक्सपर्ट