चीनी चुनौतियों से जूझ रहे भारत को मिलेगा अमेरिका का साथ

चीनी चुनौतियों से जूझ रहे भारत को मिलेगा अमेरिका का साथ

वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के आधिकारिक निवास और आफिस व्हाइट हाउस ने पहली बार इंडो पैसिफिक स्ट्रैटजिक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के कारण भू-राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है। अमेरिका ने कहा है कि भारत उसका दोस्त और रणनीतिक साझेदार है। अमेरिका और भारत दक्षिण एशिया में स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करते रहेंगे। रिपोर्ट में इंडो- पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामक नीतियों की कड़ी आलोचना भी की गई है। बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप की नीतियों की भी सराहना की है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट राष्ट्रपति बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन की पहली क्षेत्र विशिष्ट रिपोर्ट है। रिपोर्ट में हिंद- प्रशांत में अमेरिका की स्थिति को दृढ़ता से मजबूत करने, क्षेत्र को मजबूत करने और इस प्रक्रिया में भारत के उदय एवं क्षेत्रीय नेतृत्व का समर्थन करने के लिए राष्ट्रपति के दृष्टिकोण को रेखांकित किया गया है।

भारत प्रेरक शक्ति और विकास का इंजन

व्हाइट हाउस ने कहा - हम मानते हैं कि भारत दक्षिण एशिया और हिंद महासागर में एक समान विचारधारा वाला भागीदार और नेतृत्वकर्ता है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रियता से जुड़ा हुआ है। भारत क्वाड और अन्य क्षेत्रीय मंचों की प्रेरक शक्ति और क्षेत्रीय विकास और विकास के लिए एक इंजन है। पिछले चार प्रशासनों ने भारत के साथ संबंध सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत कई मायनों में आस्ट्रेलिया और अन्य देशों की तुलना में बहुत अलग स्थान रखता है।

मुद्दों के महत्व को समझता है भारत

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने के अनुरोध पर बताया कि भारत महत्वपूर्ण चुनौतियों से जूझ रहा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के व्यवहार का भारत पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। हमारे दृष्टिकोण से हम अन्य लोकतंत्र के साथ काम करने के लिए जबरदस्त अवसर देखते हैं - एक ऐसे देश के साथ जिसकी समुद्री परंपरा है, जो वैश्विक साझा मुद्दों और क्षेत्र में महत्वपूर्ण मुद्दों को आगे बढ़ाने के महत्व को समझता है।

ट्रंप के समय की नीतियों की भी सराहना की

वरिष्ठ प्रशासक ने कहा कि पूर्ववर्ती अमेरिकी प्रशासन, जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला पिछला प्रशासन भी शामिल है, ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। आस्ट्रेलिया में क्वाड मंत्री स्तरीय वार्ता चल रही है, ऐसे में यह रिपोर्ट जारी की गई है। आस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को क्षेत्र में चीन की उग्र भूमिका पर चिंता व्यक्त की। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपनी आर्थिक, कूटनीतिक, सैन्य और तकनीकी ताकत को जोड़ रहा है।

चीन कर रहा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन

आस्ट्रेलिया के आर्थिक दबाव से लेकर भारत के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष तक, ताइवान पर दबाव और पूर्वी एवं दक्षिण चीन सागर में पड़ोसियों को डराने-धमकाने तक, इस क्षेत्र में हमारे सहयोगी और भागीदार चीन के इस नुकसानदायक व्यवहार को झेल रहे हैं। इस प्रक्रिया में, चीन नौवहन की स्वतंत्रता सहित मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय कानून के साथ उन सिद्धांतों को भी कमजोर कर रहा है।