2 करोड़ से ज्यादा खर्च होने के बाद भी संग्राम सागर बेहाल, नहीं बन पाया पिकनिक स्पॉट

2 करोड़ से ज्यादा खर्च होने के बाद भी संग्राम सागर बेहाल, नहीं बन पाया पिकनिक स्पॉट

जबलपुर । शहर के सबसे सुंदर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किए जाने के लिए सांसद राकेश सिंह और नगर निगम की तत्कालीन महापौर डॉ स्वाती सदानंद गोडबोले ने संग्राम सागर को विकसित करने का बीड़ा उठाया था। जहां सांसद ने अपने मद से राशि इसमें खर्च करने के लिए दिए तो वहीं नगर निगम और पर्यटन विभाग ने भी अच्छी खासी राशि इसमें लगाई। अफसोस दोनों नेताओं का उद्देश्य अधिकारियों की मनमानी और बिना प्लानिंग के काम करवाने से काम पूरा नहीं हो पाया और संग्राम सागर बदहाल का बदहाल ही रहा। संग्राम सागर शहर का ऐतिहासिक स्थल है जहां विशाल तालाब के किनारे भैंरो बाबा का तांत्रिक मंदिर स्थित है। गोंड़कालीन राजा संग्राम शाह के द्वारा यह तालाब बनवाए जाने के कारण इसका नाम संग्राम सागर है। इसमें दो राय नहीं है कि यदि यहां अच्छी तरह से व्यवस्थाएं हो जाएं तो यह स्थल शहर का आदर्श पिकनिक स्पॉट बन सकता है। बस इसके लिए इच्छा शक्ति चाहिए जो नजर नहीं आ रही है। शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई तालाबों का चयन कर उनका सौंदर्यीकरण नगर निगम ने चालू किया था। इसमें पुरातन काल का संग्राम सागर पहली प्राथमिकता पर रखा गया था। नगर निगम के साथ पर्यटन विकास निगम ने यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए करीब 2 करोड़ रुपए इसके विकास के लिए दिए। यह स्थल पर्यटन और प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। चारों ओर हरियाली का बसेरा है। यह दो पहाड़ियों के बीच भी है। इसके विगत 3 सालों से नए स्वरूप में ढाला जा रहा था,लेकिन अभी भी इसके कई काम अधूरे पड़े हुए हैं,जिनको अधर में छोड़ दिया गया है।

पहुंच मार्ग हो गया जर्जर

यहां बाजनामठ चौराहे से लेकर संग्राम सागर व मंदिर तक नई सड़क बनाई गई थी जो घटिया गुणवत्ता के चलते जर्जर हो चुकी है। यहां पहुंचने में वाहनों में लगने वाले दचके और गड्ढे पूरा उत्साह समाप्त कर देते हैं। इस पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा परिवार के साथ जाने में बाधक बना हुआ है। यहां पर न तो कभी पुलिस गश्त दिखती है और न ही जिम्मेदारों ने गार्डस ही लगाए हैं। विद्युत पोल तो लगे हैं मगर इनमें लाइट नहीं होती।