सुंदर मकान को सुंदर घर बनाने की समझें जिम्मेदारी : एडीजीपी जोगा

सुंदर मकान को सुंदर घर बनाने की समझें जिम्मेदारी : एडीजीपी जोगा

जबलपुर। हमेशा से आवासीय शिकायतों को सामने रखने वाली पुलिस को इस दिशा में राहत मिली है। समय के साथ उनके आवास भी बदल रहे हैं। इसकी बानगी शुक्रवार को देखने मिली। अधिकारियों और कर्मचारियों को बेहतर माहौल के साथ बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद को पूरा करते हुए सिविल लाइन स्थित नवनिर्मित मल्टी स्टोरी का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण समारोह में एडीजीपी उमेश जोगा ने कहा कि ये ठीक है कि घर और मकान में अंतर है। लेकिन, कई बार मकान भी घर के निर्माण में सहायक भूमिका निभाता है। कहा गया कि ईंट-मिट्टी-रेत के मेल को मकान कहते हैं, पर दिलों से दिलों के मेल को घर कहते हैं।

पुलिस कर्मचारियों को मकान अच्छे मिल रहे हैं, अब ये उनकी जिम्मेदारी है कि पारिवारिक प्रेम को निभा कर वे मकान को घर बना लें, और तनाव मुक्त होकर राष्ट्र सेवा करें। 13 करोड़ रु पए की लागत से बन रहे भव्य एवं सुंदर 112 आवास में 56 आवास बनकर तैयार हो गए हैं। बताया जाता है कि 7 मंजिला एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में 56 आवास दिए गए हैं। आवास में एक बैडरूम, हॉल, किचिन, अटैच लेटबॉथ व छोटा स्टोर रूम दिया गया है। 56 फ्लैट की मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का लोकार्पण विधायक अशोक रोहाणी, एडीजीपी उमेश जोगा, डीआईजी आरआरएस परिहार, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने किया। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि जल्द ही दूसरी बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी, जिसका निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। फिलहाल 56 प्रधान आरक्षक एवं आरक्षकों को यह आवास जरूरत के हिसाब से आवंटित कर दिए जाएंगे। परिसर में अधिकारियों ने पौधारोपण भी किया। इसके तहत कई फलदार पौधे लगाए गए।

आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण

मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग के परियोजना यंत्री सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना (तृतीय चरण) के अंतर्गत आवासगृहों में एक लिविंगरूम, दो बैडरूम, किचिन, टायलेट, वाश एरिया एवं बालकनी इत्यादी का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक आवासगृह का क्षेत्रफल 700 वर्गफीट है। बाहृय विकास कार्यों में सीमेंट कांक्रीट सड़क, प्रवेश द्वार, सम्पवेल, सीवर लाइन, एसटीपी, लेण्ड स्कैपिंग, पार्किंग, बाह्य जल प्रदाय, बाह्य विद्युतीकरण, सीसी कैमरा, 2 लिफ्ट, डीजल जनरेटर, फायर फायटिंग, फायर अलार्म, इत्यादि का प्रावधान है।