अगले वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट

अगले वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी रहेगी ग्रोथ रेट

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को आम बजट पेश करेंगी। साल 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले यह मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इससे पहले मंगलवार को वित्त मंत्री ने इकोनॉमिक सर्वे 2023 संसद में पेश किया। इसके अनुसार, अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 6 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7 फीसदी है। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, जीडीपी ग्रोथ निजी खपत, हायर कैपेक्स, कॉरपोरेट बैलेंस शीट्स में मजबूती, छोटे कारोबारों में क्रेडिट ग्रोथ और प्रवासी मजदूरों के शहरों की तरफ लौटने से होगी। सर्वे में कहा गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के अनुसार, पीपीपी (पर्चेजिंग पावर पैरिटी) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। सर्वे में बताया गया है कि जुलाई सितंबर 2019 में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत से घटकर जुलाई-सितंबर 2022 में 7.2 प्रतिशत हुई।

सर्वे की अन्य खास बात

महंगा रहेगा लोन सर्वे में लोने लेने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं हैं। लोन पर ब्याज दरें लंबे समय तक उच्च बनी रह सकती हैं। महंगाई पर कंट्रोल पाने के लिए रेपो रेट बढ़ाने का चक्र बड़ा हो सकता है।

निर्यात पर असर

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में निर्यात कम रह सकता है। कम होती वैश्विक ग्रोथ रेट और घटते वैश्विक व्यापार से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में निर्यात घट सकता है।

बढ़ सकता है चालू खाता घाटा

सर्वे के अनुसार, कमोडिटी की वैश्विक कीमतें बढ़ी हुई रह सकती हैं। अगर चालू खाता घाटा और बढ़ता है, तो रुपए में गिरावट देखने को मिल सकती है। कुल मिलाकर बाहरी परिस्थितियां मैनेज करने योग्य रहेंगी। भारत के पास चालू खाते घाटे को फाइनेंस करने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है।

ईवी इंडस्ट्री से 5 करोड़ रोजगा

रिपोर्ट में कहा गया है कि डोमेस्टिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट का 2022 और 2030 के बीच 49 प्रतिशत की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (सीएजीआर) से बढ़ने की उम्मीद है। ईवी इंडस्ट्री 5 करोड़ डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट जॉब क्रिएट करेगा। इस सेक्टर को भविष्य में बड़े रोजगार का क्षेत्र माना जा रहा है। 

बढ़ेगी मकानों की कीमतें

पेंट-अप डिमांड आने के बाद और इंवेंट्रीज में गिरावट से हाउसिंग सेक्टर में कीमतें बढ़ेंगी।

स्वरोजगार करने वाले बढ़े, वेतनभोगी घटे

  • ल्ल 2017-18 की तुलना में 2020-21 में स्वरोजगार करने वालों की हिस्सेदारी बढ़ी, नियमित वेतनभोगी श्रमिकों की हिस्सेदारी घटी है। 
  • 2017-18 में कामकाजी आबादी में 52% लोग स्वरोजगार करने वाले थे, वहीं 2020-21 में इनकी हिस्सेदारी बढ़कर 56% हो गई।
  • 2018-19 में नियमित तनख्वाह पाने वालों की हिस्सेदारी 24% थी। 2020-21 में घटकर 21% हो गई

आज के इकोनॉमिक सर्वे में

वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के सामने भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति उजागर हुई। जहां भारत की अर्थव्यवस्था मार्च 2023 को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष में 7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही है, वहीं वैश्विक अर्थव्यवस्थाएं मंदी के दौर से गुजर रही हैं। भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023 के पहले 8 महीनों में जो पूंजीगत व्यय में 63.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई, उसी ने देश की अर्थव्यवस्था को ये गति प्रदान की है। - शिवराज सिंह चौहान, सीएम,