मोटी रकम देकर हथियाई मान्यता स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण फर्जी

मोटी रकम देकर हथियाई मान्यता स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण फर्जी

ग्वालियर। अंचल का नर्सिंग माफिया एक बिल्डिंग में न केवल कई नर्सिंग कॉलेज बल्कि कई कोर्स धड़ल्ले से चला रहे हैं। फिर चाहे वह रायरू में एक भवन में चल रहे कॉलेज हों या फिर शिवपुरी लिंक रोड पर कारोबारी संदीप मित्तल द्वारा एक ही परिसर में मां कैलादेवी नर्सिंग इंस्टीट्यूट और फ्लोरेंस नर्सिंग कॉलेज खोले हुए हैं जो कि नियम विरूद्ध हैं। यह अकेले कॉलेज नहीं, बल्कि ऐसे फर्जी कॉलेजों की लंबी लिस्ट पीपुल्स समाचार के पास है। अंचल में करीब 70 फीसदी इस प्रकार के फर्जी नर्सिंग कॉलेज चला रहे हैं, जिनमें कागजों में बीएससी नर्सिंग के साथ बीएड, डीएड फार्मेसी सहित कई अन्य कोर्स संचालित हो रहे हैं, लेकिन जांच टीम यानि की भोपाल सीबीआई को यह खामियां क्यों नजर नहीं आईं।

दूसरा सबसे बड़ा सवाल 100 बेड के अस्पताल का है, अधिकतर के अस्पताल कागजी हैं, जिन चंद कॉलेज ने दिखावे के लिए अस्पताल खोले उनमें न तो डॉक्टर और ना ही अन्य टीचिंग स्टाफ है, जबकि नियम के मुताबिक दस स्टूडेंट पर एक टिचिंग स्टाफ होना जरूरी है। यह लोग निरीक्षण टीम को लाखों रुपए देकर अपनी मान्यता लगातार बहाल करा रहे हैं। अंचल में चल रहे 130 में से कुछ ही नर्सिंग कॉलेज ऐसे हैं जो कि नियमों का पालन कर रहे हैं। नर्सिंग छात्र नेता उपेन्द्र गुर्जर का कहना है कि कई जगह तो नीचे स्कूल ऊपर फर्जी कॉलेज चल रहे हैं।

कोविड में खुली थी पोल, स्वास्थ्य विभाग से सेटिंग

इन नर्सिंग माफियाओं की फर्जी अस्पताल के मामले में कोरोना महामारी के दौरान पोल खुली थी, जब कोरोना की पहली व दूसरी लहर में प्रशासन ने इनसे अपने अस्पताल में कोविड मरीजों को भर्ती करने को कहा था तो अधिकतर फेल साबित हुए थे। ऐसे में इस सब फर्जीवाड़े में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिले हुए हैं, तभी तो इन्हें 100 बेड के अस्पताल की परमिशन मिल जाती है, जबकि इस नियम के मुताबिक अस्पताल की परमिशन से पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम को निरीक्षण करना होता है, लेकिन सेटिंग की दम पर यह निरीक्षण कागजों में ही हो जाता है।