सितंबर 2024 तक आईटी प्रोडक्ट्स का ट्रेडर्स कर सकते हैं लाइसेंस फ्री इंपोर्ट

सितंबर 2024 तक आईटी प्रोडक्ट्स का ट्रेडर्स कर सकते हैं लाइसेंस फ्री इंपोर्ट

नई दिल्ली। लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के इंपोर्ट के लिए फिलहाल लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने कहा है कि ट्रेडर्स इन आईटी प्रोडक्ट्स का लाइसेंस फ्री इंपोर्ट 30 सितंबर 2024 तक कर पाएंगे। यानी सरकार इन प्रोडक्ट से इंपोर्ट पर कोई क्वांटिटी कंट्रोल भी नहीं करेगी। इस फैसले से डेल, एचपी, एपल, सैमसंग और आसुस जैसे ग्लोबल मैन्युफैक्चरर को फायदा मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार इन आईटी प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर कोई तत्काल प्रतिबंध भी नहीं लगाने वाली है। अक्टूबर 2024 तक किसी भी इंपोर्टर के लिए बाहर से पूरी तरह से असेंबल किए हुए आईटी प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर एक्स्ट्रा ड्यूटी भी नहीं देनी होगी। आईटी इंपोर्टर को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी : हालांकि, डीजीएफटी इंपोर्ट को रेगुलेट करने के लिए एक नई व्यवस्था ‘इंपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम’ लेकर आ रहा है। इसमें कंपनियों को केवल इस पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा। जिसमें सरकार 3 पैरामीटर के जरिए इंपोर्ट की जांच करेगी।

इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का एक्सपोर्ट :

आईटी हार्डवेयर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (टी्र३) के राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर से मुलाकात कर इंपोर्ट मैनेजमेंट के नियमों पर चर्चा की। इसमें डेल, सैमसंग, इंटेल, आसुस, एसर और इंडस्ट्रीज एसोसिएशन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन

80% सप्लाई इंपोर्ट के जरिए

राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया था कि डिजिटल इकोसिस्टम में हमारी 80% सप्लाई इंपोर्ट से आती है। उन्होंने कहा था कि रजिस्टर करने की व्यवस्था के जरिए सरकार पता लगाना चाहती है कि सोर्स विश्वसनीय हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि अभी हमारी 8 से 10% सप्लाई देश के अंदर से आती है।

सरकार ने रिस्ट्रिक्शन लगाने की बात कही थी

3 अगस्त को डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (डीजीएफटी) ने लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के इंपोर्ट को सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित प्रोडक्ट की श्रेणी में डाल दिया था। सरकार ने कहा था कि इसके लिए वैलिड लाइसेंस और इंपोर्ट ड्यूटी लगाई जाएगी।

सिडबी ने फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डीएलएआई के साथ समझौता किया

भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने शनिवार को कहा कि उसने देश के फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डीएलएआई) के साथ एक समझौता किया है। सिडबी और डीएलएआई ने इस आशय के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। बयान के अनुसार, इस एमओयू का मकसद बैंकों और ऋण सेवा प्रदाताओं (एलएसपी) के बीच गठजोड़ को बढ़ाना देने तथा डिजिटल ऋण साझेदारी में तेजी लाने के लिए मानक प्रोटोकॉल विकसित करने में सिडबी के साथ सहयोग करना है। बयान में कहा गया है कि सिडबी ऐसे योग्य एनबीएफसी को संसाधन भी मुहैया कराएगा, जो डीएलएआई के सदस्य हैं।