नगर निगम से गायब हो गए 31 लैपटॉप, ट्रांसफर होते ही साथ ले गए अधिकारी

नगर निगम से गायब हो गए 31 लैपटॉप, ट्रांसफर होते ही साथ ले गए अधिकारी

जबलपुर ।  4 साल पहले भर्ती हुए 15 सब इंजीनियर व 15 सीएसआई को कंप्यूटर में दक्ष होने के कारण नगर निगम ने कामकाज को सुचारू व तेज करने के लिए इन्हें लैपटाप दिए थे। ये सभी लैपटाप गायब हैं। दरअसल इन सभी सीएसआई व सब इंजीनियर के जहां-तहां हुए ट्रांसफर के चलते इनके साथ ही लैपटाप भी गायब हो गए। इन लैप टाप का क्या उपयोग हुआ यह भी किसी को नहीं पता। नगर निगम ने 4 साल पहले सब इंजीनियर व सीएसआई की भर्ती निकाली थी,जिनकी व्यापमं के द्वारा परीक्षा आयोजित हुई थी और उनकी पदस्थापना नगर निगम में हुई थी जितने भी सब इंजीनियर व सीएसआई चयनित हुए थे ये सभी कंप्यूटर में दक्ष थे,इसी कारण नगर निगम ने इन सभी को तथा 1 उपायुक्त को लैपटाप दिए थे। इनमें से 10 से 12 सब इंजीनियर व सीएसआई नगर निगम से ट्रांसफर करवा कर रफूचक्कर हो गए। इनमें से जितने भी कर्मचारियों ने डेपूटेशन में अपने घर के आसपास पदस्थापना करवाई उनमें से किसी ने भी नगर निगम को लैपटाप वापस ही नहीं किए।

भर्ती ननि के नाम पर हुई और ट्रांसफर अन्यत्र

नगर निगम में रिक्त पड़े पदों के लिए ये भर्तियां निकाली गई थीं मगर जुगाड़ू कर्मचारियों ने कुछ दिन यहां पर नौकरी कर अपने-अपने गृह जिलों में ट्रांसफर करवा लिए। लंबे समय से यहां पर सब इंजीनियरों और सीएसआई के पद खाली पड़े थे। नगर निगम ने भारी मशक्कत कर इन रिक्तियों को भरने के लिए कागजी कार्रवाई की और शासन की अनुमति ली थीमगर यह सारी मशक्कत तो बेकार गई ही साथ ही लाखों की चपत लैपटाप से और लग गई।

फल-फूल रही डेप्युुटेशन प्रथा

जहां एक ओर तो डेप्युटेशन प्रथा को बंद करने का दावा किया जा रहा है वहीं नगर निगम में डेप्युटेशन के अधिकारियों का ही बोलबाला है। यही कारण है कि डेप्युटेशन प्रथा जमकर फल-फूल रही है। पुरानी परंपरा का अनुसरण करते हुए नई नियुक्तियों में भी यही प्रथा देखने मिल रही है। नगर निगम में अधिकांश अधिकारी व कर्मचारी इसी प्रथा के तहत पदस्थ हैं।