चैटजीपीटी का एक वर्ष पूरा: एआई ने 5 तरीकों से दुनिया को बदला

समस्या बनती जा रही है टेक्नोलॉजी क्रांति की यह नई सुविधा

चैटजीपीटी का एक वर्ष पूरा: एआई ने 5 तरीकों से दुनिया को बदला

नई दिल्ली। ओपनएआई की कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) चैटबॉट चैटजीपीटी को एक साल पहले 30 नवंबर को आम जनता के सामने पेश किया गया था। इसके बाद दूसरे महीने के अंत तक 10 करोड़ यूजर्स के साथ यह अब तक का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ऐप बन गया है। आज, यह माइक्रोसॉμट के बिंग सर्च, स्काइप और स्नैपचैट के माध्यम से एक अरब से अधिक लोगों के लिए उपलब्ध है - और अनुमान है कि ओपनएआई इयरली रेवेन्यू में एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक एकत्र करेगा। हमने पहले कभी किसी टेक्नोलॉजी को इतनी तेजी से विस्तार करते नहीं देखा। अधिकांश लोगों को वेब का उपयोग शुरू करने में लगभग एक दशक का समय लग गया था। लेकिन इस बार तैयारी पहले से ही मौजूद थी। परिणामस्वरूप, चैटजीपीटी का प्रभाव शेक्सपियर की शैली में कैरोल की सेवानिवृत्ति के बारे में कविताएं लिखने से कहीं आगे निकल गया है। इसने कई लोगों को हमारे एआईसं चालित भविष्य का स्वाद चखाया है। इस तकनीक ने आज पूरी दुनिया को बदल दिया है।

एआई सुरक्षा

चैटजीपीटी ने दुनिया भर की सरकारों को इस विचार को समझने के लिए मजबूर किया कि एआई महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करता है - न केवल आर्थिक चुनौतियां, बल्कि सामाजिक और अस्तित्व संबंधी चुनौतियां भी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक राष्ट्रपति कार्यकारी आदेश के साथ अमेरिका को एआई नियमों में सबसे आगे खड़ा कर दिया, जो एआई सुरक्षा और संरक्षा के लिए नए मानक स्थापित करता है।

2. जॉब मार्केट के परिदृश्य को बदला

चैटजीपीटी से पहले, शायद कार कर्मचारी और अन्य ब्लू कॉलर कर्मचारी ही रोबोट के आने से सबसे ज्यादा डरते थे। चैटजीपीटी और अन्य जेनरेटिव एआई टूल ने इस परिदृश्य को बदल दिया है। ग्राफिक डिजाइनर और वकील जैसे सफेदपोश ओहदेदारों को भी अब अपनी नौकरी की चिंता सताने लगी है। आॅनलाइन जॉब मार्केटप्लेस के एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि चैटजीपीटी लॉन्च होने के बाद से लेखन और संपादन नौकरियों की कमाई में 10 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इस बात को लेकर भारी अनिश्चितता है कि क्या एआई जितनी नौकरियां पैदा करेगा उससे ज्यादा खत्म कर देगा।

3 निबंध का खात्मा

कई स्कूलों ने इसके उपयोग पर तत्काल प्रतिबंध जारी कर दिया। उनकी चिंता यह थी कि यदि चैटजीपीटी निबंध लिख सकता है, तो होमवर्क का क्या होगा? उनका कहना था कि हम लोगों से निबंध लिखने के लिए इसलिए नहीं कहते क्योंकि उनमें कुछ कमी है, या इसलिए कि कई नौकरियों के लिए इसकी जरुरत होती हैं। हम उनसे निबंध लिखने के लिए इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें शोध कौशल की आवश्यकता होती है, संचार कौशल, आलोचनात्मक सोच और डोमेन ज्ञान में सुधार होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि चैटजीपीटी क्या पेशकश करता है, इन कौशलों की अभी भी आवश्यकता होगी, भले ही हम उन्हें विकसित करने में कम समय खर्च करें। और ऐसा नहीं है कि केवल स्कूली बच्चे ही एआई के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं।

4 कॉपीराइट अराजकता

दुनिया के कई लेखक यह जानकर क्रोधित हुए कि चैटजीपीटी को उनकी सहमति के बिना वेब से डाउनलोड की गई हजारों पुस्तकों पर प्रशिक्षित किया गया। एआई मॉडल से लेकर प्राणीशास्त्र तक हर चीज के बारे में संवाद कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें प्राणीशास्त्र से लेकर कई अन्य पुस्तकों पर प्रशिक्षित किया गया है जो लेखकों के वजूद पर खतरा है।

एआई इतिहास की सबसे खतरनाक शक्तिसाबित होगा और एआई के रूप में हमारे पास कुछ ऐसा होगा जो सबसे चतुर इंसान से ज्यादा स्मार्ट होगा। एक समय ऐसा होगा जब नौकरियों की जरूरत नहीं होगी। - एलन मस्क, सीईओ टेस्ला

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी में सबसे बड़ा तकनीकी बदलाव होगा। यह इंटरनेट से भी बड़ा हो सकता है। सुंदर पिचाई, सीईओ अल्फाबेट

मुझे लगता है कि अगर यह तकनीक गलत होती है तो यह काफी ज्यादा गलत होगा। और हम इसे खुले तौर पर मानने को तैयार हैं। हम सरकार के साथ ऐसा होने से रोकने के लिए काम करने को तैयार हैं। -सैम आल्टमैन, सीईओ ओपन एआई