हेलमेट व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट संबंधी मामले में कोर्ट सख्त

हेलमेट व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट संबंधी मामले में कोर्ट सख्त

जबलपुर। मोटर व्हीकल एक्ट का पालन सुनिश्चित कराये जाने संबंधी मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ पर मुख्य सचिव के साथ संबंधित विभाग के साथ हुई बैठक के ब्यौरे के साथ कार्यवाही संबंधी रिपोर्ट पेश की गई। जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पुन: रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की है, हालांकि विस्तृत आदेश प्रतीक्षित है।

उल्लेखनीय है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की ओर से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी थी। याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है।

सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया

याचिका में कहा गया था कि सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये है। मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है। चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है। जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है।

पेश किया गया ब्यौरा

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश कुमार तोमर ने बताया कि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से मुख्य सचिव के साथ 5 फरवरी को हुई संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक तथा एक्ट के परिपालन के संबंध में की गयी कार्यवाही का ब्यौरा पेश किया गया। जिस पर नाराजगी जाहिर करते करते हुए युगलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये।

हाईकोर्ट लगा चुका है 25 हजार की कॉस्ट

मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे। आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई थी। सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटएहेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता का सुनिश्चित तौर पर परिपालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था। इसके बाद हुई सुनवाई पर न्यायालय ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किये थे।