60 फीसदी प्रदूषण की वजह धूल, एक अरब मिले फिर भी निजात नहीं

60 फीसदी प्रदूषण की वजह धूल, एक अरब मिले फिर भी निजात नहीं

जबलपुर। जबलपुर की आबो-हवा को स्वच्छ करने के लिए नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत केन्द्र सरकार ने नगर निगम को पिछले 3 सालों में 1 अरब से अधिक राशि दे दी है,मगर धूल और धुएं से निजात नहीं मिल पा रही है। इस राशि से नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मिलकर काम करना था। शहर को धूल व धुएं से मुक्त कराने के लिए कई अप्रिय निर्णय भी लिए जाने के संकेत दिए गए थे। आलम यह है कि 60फीसदी प्रदूषण केवल धूल और धुएं के कारण हो रहा है। केन्द्र ने एयर पॉल्यूशन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए शहर को नॉन अटेनमेंट सिटी में शामिल किया है।

इसके तहत केन्द्र सरकार की मदद से एयर पॉल्यूशन को कम करने 59 करोड़ रुपए की राशि पहली किश्त में तथा बाद में करीब 25-25 करोड़ की राशि भी मिली है। शहर में 60 फीसदी प्रदूषण केवल धूल के चलते हो रहा है। इसमें रोड डस्ट,टायर डस्ट और कंस्ट्रक्शंस और डिमोलाइज्ड डस्ट शामिल है। इसके बाद अनफिट वाहनों के धुएं से भी हवा प्रदूषित हो रही है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक रिपोर्ट भी तैयार कर भोपाल मुख्यालय भेजी है जिसकी स्वीकृति आते ही कार्य शुरू किए जाएंगे।

ये हैं एयर क्वालिटी के मानक

एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार 0 से 50 स्तर को अच्छा माना जाता है और 51 से 100 के स्तर को मॉडरेट यानि सीमित माना जाता है। शहर की हवा अभी इसी स्तर के बीच की है जो खतरनाक नहीं है। 101 से 150 के स्तर को संवेदनशील लोगों के लिए ठीक नहीं माना जाता जबकि 151 से 200 तक के लेवल को खराब माना जाता है।