बीते तीन दिनों से सियासत के केंद्र में है दो युवकों की संदेहास्पद मौत का मुद्दा

बीते तीन दिनों से सियासत के केंद्र में है दो युवकों की संदेहास्पद मौत का मुद्दा

इंदौर। महू तहसील का बड़गोंदा थाना क्षेत्र बीते तीन दिन से समूचे सूबे की सुर्खियों में है। दरअसल सुर्खियों में रहने की वजह बेहद अप्रिय है। सुलगते सवाल कानून व्यवस्था के पर्याय अभयअंगों की लचरता पर है। सवालों पर सवाल पूछते सियासी सूबेदार हलकान हैं।

तफ्सील से समझिए, बीते बुधवार यानी 15 मार्च को एक नवयुवती की संदेहास्पद मृत्यु गवली पलासिया में रहने वाले यदुनंदन पाटदार के घर हो गई। युवक यदु की मां का दावा है कि उनका बेटा और मृत युवती प्रेमी युगल होकर गुपचुप परिणय सूत्र में बंध चुके थे। इधर, मृत युवती के परिजन इस बात से हैरान हैं कि एक तो उनकी बेटी का अनजान युवक के घर शव मिला। दूसरा, पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद सौंपा गया शव तो उनकी कुंआरी बेटी का ही था, लेकिन शव के पहचान दस्तावेज पर उनकी बेटी की पहचान यदु की विवाहिता के रूप में दर्ज की गई थी। मृतका के अशिक्षित परिजनों का आरोप है कि बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई।

इसी बात पर जब स्थानीय पुलिस और अफसरान से परिजनों को संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तब उन्होंने बुधवार को ही लगभग चार बजे से शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने हत्या की धाराओं में यदु के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मृतका के परिजन का दावा है कि दुष्कर्म की धाराएं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद लगाने के आश्वासन के साथ वे शव लेकर अपने घर की ओर निकल गए। इसके बाद पुलिस का दावा है कि आक्रोशित युवती के परिजनों और एकाएक एकत्र हुई भीड़ ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया, जिसमें थाना प्रभारी बड़गोंदा सहित एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए।

पुलिस की फायरिंग में युवक की मौत

कलेक्टर की मानें तो स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। इस गोलीबारी की चपेट में आकर एक 20 वर्षीय युवक भेरू पिता मदन की मृत्यु हो गई। अन्य एक युवक घायल हुआ है। एसपी ग्रामीण की मानें तो इसी मामले में भेरू और उसके पिता मदन, मृतक की मां समेत 13 नामजद और अन्य के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, हत्या का प्रयास सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है।

बाबा साहब की जन्मस्थली से शुरू होकर राजधानी तक सियासत है जारी

मृत युवक के पिता मदन का दावा है कि न तो उनका और न उनके मृत पुत्र की इस पूरे मामले में कोई संलिप्तता है और न थी। पुत्र मजदूरी से घर लौट रहा था, तभी पुलिस की गोली का शिकार हुआ। मामले की मजिस्ट्रियल जांच अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा को 15 दिन में पूरी करना है। साक्ष्य जुटाने की डोंडी अपर कलेक्टर ने पिटवा दी है। 27 मार्च तक साक्ष्य भेज सकते हैं। गुरुवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल, स्थानीय भाजपा सांसद ने मौके पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की। शुक्रवार को भाजपा महासचिव और पूर्व स्थानीय विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने मृतक के पिता मदन को अपना पुराना कार्यकर्ता बताकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को मृत युवक के घर और मृत युवती के घर पहुंचने की मुनादी कर चुके हैं। शेष, सियासत है जो बाबा साहब की जन्मस्थली के केंद्र से शुरू होकर राजधानी में जारी है।