मानसून की विदाई करीब, प्रदेश में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश

मौसम : अब तक सामान्य से कम बारिश, भोपाल में 34 फीसदी कम गिरा पानी

मानसून की विदाई करीब, प्रदेश में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश

भोपाल। राजधानी सहित समूचे प्रदेश में बारिश बंद है और मानसून की विदाई का वक्त करीब है। लेकिन, प्रदेश में अब तक बारिश का कोटा पूरा नहीं हुआ है। मानसूनी बारिश का ग्राफ बताता है कि प्रदेश में सामान्य से 13 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, 1 जून से 29 अगस्त तक मध्यप्रदेश में 661.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि औसत बारिश 762.3 मिमी है। यानी 101.2 मिलीमीटर बारिश कम हुई है। सबसे ज्यादा बारिश भिंड में हुई है, यहां सामान्य से 47 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। वहीं, प्रदेश में सबसे कम बारिश सतना में हुई। यहां सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड हुई। मप्र में 13 दिन के ब्रेक के बाद दो हμते पहले मानसून ने रμतार पकड़ी थी, लेकिन दो दिन की बारिश के बाद मानसून ने फिर ब्रेक ले लिया। मानसूनी विदाई को अब दो दिन बचे हैं, लेकिन फिलहाल बारिश का कोई सिस्टम प्रदेश में मौजूद नहीं है, लिहाजा बारिश का कोटा पूरा होने की उम्मीद भी नहीं है। राजधानी भोपाल में अब तक 780 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 518.6 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 34 फीसदी कम है। उमस और गर्मी बढ़ी: बारिश नहीं होने से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में उमस और गर्मी बढ़ गई है।भोपाल में अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 0.2 अधिक है। ग्वालियर में 35.1, जबलपुर में 32.3, इंदौर में 29.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सागर में 31.1 डिग्री रहा।

लो प्रेशर एरिया डेवलप, बारिश की उम्मीद

मप्र में मानसून ब्रेक 1-2 सितंबर को खत्म हो सकता है। मौसम विज्ञानी एके शुक्ला ने बताया कि बीते एक माह में प्रदेश में बारिश कम हुई है। बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में लो प्रेशर एरिया डेवलप हुआ है। इससे पूर्वी हवाएं मप्र में एक्टिव हैं। यह सिस्टम छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ेगा। इस वजह से मध्यप्रदेश के पश्चिमी हिस्से उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और चंबल संभाग में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।

प्रदेश के 43 जिलों में सामान्य से कम बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश में भोपाल सहित 43 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। 9 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश भिंड में रिकॉर्ड की गई है, जबकि सबसे कम बारिश सतना में हुई। कटनी में बारिश का आंकड़ा लेवल पर रहा। जबलपुर में एक फीसदी कम और श्योपुर में एक फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई। इसके अलावा कुछ क्षेत्रों में कम बारिश हुई है।