नाले मार रहे सड़ांध,स्वास्थ्य अमला कर रहा साफ होने के दावे

नाले मार रहे सड़ांध,स्वास्थ्य अमला कर रहा साफ होने के दावे

जबलपुर। पहले ही नाले-नालियों की गंदगी से त्रस्त नागरिकों को छोटे नालों से भारी सड़ांध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि नालों की सफाई सतत रूप से चल रही है। सर्वाधिक समस्या उपनगरीय इलाकों में सामने आ रही है जहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहुंची ही नहीं है। इनका ज्यादा फोकस शहर के मेन हिस्सों में रहता है जहां पर बड़ी मशीनों व सफाई कर्मी लगवाकर सफाई तो करवाई जाती है मगर वह भी कंपलीट नहीं होती। इसका प्रमाण खुद ननि मुख्यालय के सामने सिविक सेंटर से आने वाला नाला है जिसे कभी भी देखकर स्वास्थ्य विभाग केदावों की हकीकत जानी जा सकती है।

लंबी-चौड़ी फौज मगर रिजल्ट सिफर

नगर निगम के पास सफाई कर्मियों और संसाधन की बहुतायत है। आधे से ज्यादा शहर की सफाई व्यवस्था ठेके पर दी गई है जिसका भारी-भरकम भुगतान होता है। जहां तक उपनगरीय इलाकों के वार्डों की है तो वहां पर वार्ड स्तर पर सफाई कर्मी भी नाले-नालियां साफ करने तैनात हैं मगर ये बहुत कम ही अपना काम करते नजर आते हैं। इनका फोकस सड़कों को बुहारने तक सीमित रहता है। शहर में सैकड़ों ऐसे नाले मिलेंगे जिनमें बरसों से सफाई ही नहीं हुई है।

सड़कों पर बहती है नाले-नालियों की गंदगी

जब भी बारिश होती है तो कचरे व सिल्ट के चलते बहाव न बनने से नाले-नालियां ओवर फ्लो होकर अपनी गंदगी सड़कों पर उड़ेल देते हैं जिससे संक्रामक बीमारियों का खतरा रहता है। वहीं वाहन चालक भी व्यवस्थाओं को कोसते हुए गंदगी के बीच से गुजर कर जाने मजबूर हो जाते हैं।

यहां के नाले बने समस्या

  • सिविक सेंटर का नाला
  • राहत नाला व इससे जुड़े नाले 
  • दमोहनाका शिव नगर का नाला 
  • रामनगर का नाला 
  • गढ़ा में छोटी बजरिया से ज्योतिनगर मार्ग का नाला

शहर के नाले-नालियों की सतत रूप से सफाई करवाई जा रही है। लोग नालों में कचरा फेंकते हैं जिससे यह समस्या बनी रहती है। संदर्भित नालों में यदि गंदगी है तो पुन: सफाई करवाई जाएगी। संभव मनु अयाची,स्वास्थ्य अधिकारी,ननि