जब कम थे मरीज तो गली-कूचों तक में हुआ छिड़काव, अब संख्या डेढ़ हजार पर तो कंजूसी

जब कम थे मरीज तो गली-कूचों तक में हुआ छिड़काव, अब संख्या डेढ़ हजार पर तो कंजूसी

जबलपुर । जब शहर में गिने-चुने कोरोना पाजिटिव मरीज निकल रहे थे तो मुख्य सड़कों से लेकर गली-कूचों तक में कोरोना संक्रमण में नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शहर से लेकर कंटेनमेंट जोन व अस्पतालों व संवेदनशील स्थानों पर सोडियम हाइपो क्लोराइड क छिड़काव करवाया था। अब यह संख्या डेढ़ हजार पर पहुंच रही है और रोज 50 से 60 या इससे अधिक मरीज सामने आ रहे हैं तो अब नगर निगम ने अपने हाथ खींच लिए हैं। अब केवल कंटेनमेंट जोन में ही इसका छिड़काव करवाया जा रहा है। वहीं आयुध निर्माणी से मिले वाटर वाऊजर को भी वापस कर दिया गया है। नगर निगम ने अब तक 46 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड का छिड़काव करवाया है। इसका रेशियो 1000 लीटर पानी पर 25 लीटर रसायन का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसमें भी बताया जा रहा है कि 26 हजार लीटर सोडियम हाइपो क्लोराइड ननि को दान में मिला था बाकी का 54 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से भुगतान किया गया है। संभावित क्षेत्रों में कई दिन तक ननि ने अपने संसाधनों से इसका छिड़काव करवाया है,लेकिन अब इसे सीमित कर दिया गया है।

1 ट्रिप में 5 किमी रोड में छिड़काव कर रहा था 5 हजार लीटर का वाटर वाऊजर

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए आर्डिनेंस फैक्टरी खमरिया के द्वारा नगर निगम को विगत दिनों 5 हजार लीटर क्षमता का वाटर वाऊजर दिया गया था। नगर निगम ने इसका उपयोग शहर के मुख्य मार्गों में दवा छिड़काव के लिए कि या था। प्रतिदिन यह वाहन करीब 2 ट्रिप लगाता था। स्वास्थ्य अधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि अब तक हम 46 हजार लीटर से अधिक सोडियम हाईपो क्लोराइड रसायन का छिड़काव अब तक किया जा चुका है। प्रति एक हजार लीटर में 25 लीटर उक्त रसायन मिलाया जाता है इस हिसाब से 5 हजार लीटर क्षमता के वाटर वाऊजर में सवा सौ लीटर रसायन मिलाया जाता है। यह विशाल वाहन एक दिन में करीब 2 ट्रिप में छिड़काव कर पाता है। तेज फुहारों से किए जान ेवाले छिड़काव के सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं।

हर घर में प्रति 3 दिन में पहुंचे थे दवा छिड़कने-दावा

नगर निगम का यह भी दावा रहा है कि शहर भर में 300 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हर घर में इस रसायन का छिड़काव करने के लिए सप्ताह में 2 बार पहुंच रहे थे। हालाकि इसमें नागरिकों का कहना है कि केवल गली व मार्गों में ये कर्मी छिड़काव कर चले जाते हैं और घरों में नहीं करते।

आगे नहीं आ रहे दानदाता

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पुणे की एक एजेंसी द्वारा दान किए गए 26 हजार लीटर सोडियम हाईपो क्लोराइड के बाद शहर का एक भी दानदाता इस रसायन के दान के लिए आगे नहीं आया है। जबकि शहर में बड़ी-बड़ी कंपनियां हैं जिनके पास सीएसआर फंड होता है और वे जनहित में इसका उपयोग कर सकते हैं।वर्तमान दौर में नगर निगम की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है लिहाजा यदि शहर के संपन्न उद्योगपति चाहें तो इस रसायन को क्रय कर नगर निगम को दान कर सकते हैं।