लाड़ली बहना: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का केवायसी पर नहीं पड़ेगा असर

लाड़ली बहना: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल का केवायसी पर नहीं पड़ेगा असर

ग्वालियर। लाड़ली बहना योजना में केवायसी के काम में समग्र पोर्टल के डाउन होने एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हड़ताल पर जाने के कारण परेशानी आ रही है। इसलिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के केवायसी अपडेट होने में अड़चन आ रही है। इसे लेकर महिला बाल विकास विभाग का कहना है आंगनबाड़ी स्टाफ का मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के फॉर्म अपडेट करने या केवायसी अपडेट करने से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल होने से इस योजना के काम में कोई व्यवधान नहीं आएगा।

यहां बता दें कि लाड़ली बहना योजना को लेकर 25 मार्च तक ई-केवायसी का काम किया जाना है। 25 मार्च से इस योजना के आवेदन होना शुरू हो जाएंगे। इस अवधि तक ई-केवायसी की प्रक्रिया पूरा होना है और बैंक में आधार से खाता लिंक कराना है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि सर्वर दुरूस्त हो जाएगा फिर परेशानी नहीं आएगी।

महिला बाल विकास के अधिकारी राहुल पाठक का कहना है सारा काम नगरी निकाय और जिला पंचायत के कर्मचारियों को करना है सबसे अहम बात यह है आवेदकों को अपने फॉर्म ऑनलाइन कंप्लीट कराना है। आवेदक के परिवार में अगर किसी की वार्षिक आय ढाई लाख रुपए है, जिसका आवेदक को स्वयं प्रमाण पत्र देना होगा। ऑनलाइन आवेदन भरे जाने के बाद संबंधित आवेदक के मोबाइल पर ओटीपी आएगा, जिसमें यह मैसेज आएगा कि आपका आवेदन स्वीकार कर लिया गया है, इसके बाद सभी आवेदकों की एक सूची प्रकाशित होगी, जिसमें दावे आपत्ति मांगे जाएंगे।

जिले की तीन लाख महिलाएं होंगी लाभान्वित

इस योजना के तहत महिलाओं को सरकार की ओर से हर महीने 1000 रुपए यानी साल में 12000 हजार रुपए मिलेंगे। जो 01 जनवरी को 23 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुकी हों तथा 60 वर्ष से कम हो। इसने के लिए मध्य प्रदेश की मूल निवासी होना जरूरी है। योजना का लाभ विवाहित, विधवा, तलाशुदा एवं परित्यक्ता महिला भी ले सकती हैं। इस योजना के तहत ग्वालियर जिले की लगभग तीन लाख महिला आवेदकों के लाभान्वित होने की संभावना है।

आंगनबाड़ी स्टाफ का लाड़ली बहना योजना के फॉर्म अपडेट करने या केवाईसी अपडेट करने से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए हड़ताल होने से इस योजना के काम में कोई व्यवधान नहीं आएगा। -राहुल पाठक, महिला बाल विकास अधिकारी