अब जब जरूरत तो बंद है त्रिकूट चूर्ण और काढ़ा का वितरण -जिम्मेदार कह रहे जब भोपाल से आएगा तो बांटने लगेंगे

अब जब जरूरत तो बंद है त्रिकूट चूर्ण और काढ़ा का वितरण -जिम्मेदार कह रहे जब भोपाल से आएगा तो बांटने लगेंगे


जबलपुर। मार्च,अप्रैल में जब कोरोना के गिने-चुने मरीज सामने आए थे तो सरकार ने जमकर त्रिकूट चूर्ण व काढ़ा का वितरण करवाया था,अब जबकि रोजाना 200 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं तो  न तो त्रिकूट चूर्ण का वितरण हो रहा है और न ही कहीं काढ़ा बंटता दिख रहा है।
गौरतलब है कि सरकार ने जमकर प्रचार प्रसार किया था कि त्रिकूट चूर्ण व काढ़े से शरीर में इम्युनिटी क्षमता यानि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिला आयुर्वेद महाविद्यालय ग्वारीघाट से इसका करीब एक माह तक वितरण भी हुआ और यह आसानी से लोगों को मिलता रहा। इसके बाद स्टॉक समाप्त हो गया और मांगे जाने पर जिम्मेदारों का जवाब होता कि जब भोपाल से आएगा तो बांटेंगे।

कलेक्ट्रेट में भी मिलना बंद
जिला कलेक्ट्रेट में भी आयुष शाखा में त्रिकूट चूर्ण का वितरण कई दिनों तक हुआ जिसमें परिवार के सदस्यों का ब्यौरा देने पर जितने सदस्य हों उतने पैकेट जो कि करीब 100 ग्राम चूर्ण के होते हैं प्रदाय किए जाते रहे हैं। अब यहां पर भी चूर्ण समाप्त हो गया है।

सामाजिक संस्थाओं ने भी बांटा था काढ़ा
शहर की कई सामाजिक संस्थाओं,एनजीओ ने काढ़ा वितरण करवाया था जिसका लाभ शहरवासियों ने लिया था। समय के साथ ही इस तरह के आयोजन भी सामाजिक संस्थाओं ने बंद कर दिए हैं जबकि अब इनकी अधिक जरूरत है। 

पहले ग्वारीघाट में आयुर्वेद महाविद्यालय में त्रिकूट चूर्ण मिल जाता था जिसका हम लोग परिवार सहित उपयोग करते थे मगर अब जाने पर नहीं मिल रहा है।
वर्षा कुमारी। ग्वारीघाट निवासी। 
त्रिकूट चूर्ण और काढ़ा करीब एक माह तक मिलता रहा इससे सभी को फायदा भी हुआ  मगर अब जबकि कोरोना क ी बीमारी बढ़ी है तो इसका वितरण बंद कर दिया गया है।
कविता कुशवाहा। रामपुर निवासी। 
ग्वारीघाट के आयुर्वेद कॉलेज और कलेक्ट्रेट में त्रिकूट चूर्ण व काढ़ा का वितरण तत्काल प्रारंभ करवाया जाना चाहिए। यह शरीर क ी प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक है।
प्रीति पटेल,गोरखपुर निवासी। 
अब जबकि त्रिकूट चूर्ण और काढ़े की जरूरत है तो शासन ने इसका वितरण बंद करवा दिया है,जब कम मरीज थे तो बंटवाते थे। इसे तत्काल बंटवाना शुरू करना चाहिए।
अखिल राज,ग्वारीघाट निवासी