एमओजी लाइन प्रोजेक्ट की जमीन खाली करवाने पहुंची निगम की रिमूव्हल टीम का किया विरोध

एमओजी लाइन प्रोजेक्ट की जमीन खाली करवाने पहुंची निगम की रिमूव्हल टीम का किया विरोध

इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एमओजी लाइन में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नगर निगम द्वारा सोमवार सुबह की गई। इस दौरान यहां के रहवासियों ने निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और बड़ी संख्या में महिलाएं निगम की जेसीबी मशीन के सामने आकर खड़ी हो गईं। यहां 4 मकान हटाए जाने थे, जिसमें से 2 मकान पर रिमूव्हल कार्रवाई की गई और 2 को मकान को शिफ्टिंग के लिए समय दिया गया।

दो फ्लैट देने की पेशकश

सूत्रों के अनुसार 4 घरों को हटाने के लिए निगम पहले बुड़ानिया में फ्लैट दे चुका है, इसके बाद भी रहवासी मकान खाली करने को तैयार नहीं हैं। इसके बाद निगम ने एक और ऑफर रहवासियों को दिया है, जिसके अनुसार परिवार में जीतने विवाहित सदस्य हैं, उन्हें भी फ्लैट दिए जाएंगे, ताकि रहवासियों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े। वर्तमान में जिस जमीन पर रहवासी रह रहे, उसको स्मार्ट सिटी रिडेवलमेंट प्रोजेक्ट के तहत बेच चुकी है।

2018 में 16 हैक्टेयर जमीन स्मार्ट सिटी को दी गई

स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि वर्ष-2018 में एमओजी लाइन स्थित 16.413 हैक्टेयर की जमीन को इन्दौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड को हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। यहां पर मकान थे, जिसमें दीदार सिंह पिता बाबू सिंह, सज्जन सिंह पिता इंदर सिंह, भूपेन्द्र सिंह पिता स्व. निर्मल सिंह और कमलजीत सिंह पति स्व. इंदरजीत सिंह द्वारा अवैध अतिक्रमण कर मकान का निर्माण किया गया था।

पीएम आवास के फ्लैट में शिफ्ट नहीं हुए रहवासी

स्मार्ट सिटी सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि रहवासियों ने पूर्व में दिए गए नोटिस पर कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसमें कोर्ट के विधिक प्रक्रिया अपनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद तहसील कोर्ट मल्हारगंज मामले की सुनवाई और कोर्ट ने स्मार्ट सिटी के पक्ष में निर्णय दिया था, जिसके बाद भी रहवासियों को पीएम आवास योजना बुड़ानिया में मकान दिए थे, लेकिन रहवासी शिफ्ट नहीं हुए।

निगम ने जो फ्लैट दिए, वो शहर के बाहर

रहवासियों ने बताया कि निगम ने हमें शनिवार को नोटिस दिया और सोमवार सुबह अचानक कार्रवाई कर दी। हमें सामान निकालने तक मौका नहीं दिया। हमारे पास फिलहाल कोई दूसरा सराहा नहीं है, निगम जो फ्लैट दिए हैं, वो शहर से बहुत दूर हैं। वहां रोजी-रोटी का संकट है। यहां सालों से रहे हैं। हम न्यायालय की शरण में जाना चाहते हैं, लेकिन निगम ने कार्रवाई कर दी।

राजनीति चमकाने का प्रयास

इसके बाद कार्रवाई की जानकारी कांग्रेसियों को लगी तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम भी मौके पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंच गए। जमकर हंगामा किया। उन्होंने रहवासियों से समय देने की मांग निगम अधिकारियों से करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान आक्रोशित भीड़ निगम अमले पर हमलावर हो सकती थी, लेकिन पुलिस ने स्थिति संभाली। मामला बढ़ता देख निगम अधिकारियों ने कार्रवाई स्थगित करते हुए रहवासियों को मकान खाली करने के लिए 8 दिन का समय दिया। बताया जा रहा है यह मकान भूतपूर्वक सैनिकों के हैं। हालांकि वो जमीन पर वो स्वामित्व होने का कोई दस्तावेज न्यायालय में पेश नहीं कर सके। यही कारण है कि निगम ने आज कोर्ट के आदेश पर रिमूव्हल कार्रवाई की।