अमृत.02 में पार्षदों के हिसाब से प्लानिंग न होने पर नाराजगी, हंगामा होने के आसार

अमृत.02 में पार्षदों के हिसाब से प्लानिंग न होने पर नाराजगी, हंगामा होने के आसार

ग्वालियर। अमृत फेस 1 में हुए कार्यों को लेकर आम जनता की बदहाली के बाद अमृत .02 की प्लानिंग में पार्षदों को तवज्जो न देने का मामला तूल पकड़ने लगा है। हालात यह हैं कि भाजपा पार्षदों के साथ कांग्रेस के सत्तापक्ष वाले पार्षद भी अमृत के जिम्मेदारों के खिलाफ मोर्चा खोलने की प्लानिंग में कदमताल करते हुए दिख रहे हैं। जिसके चलते 730 करोड़ रुपए के भुगतान के बिल फाइनल करने वाले अधिकारियों के खिलाफ परिषद में मोर्चा खोलकर हंगामा खड़ा हो सकता है।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में अमृत योजना के तहत चल रहे 733 करोड़ की लागत से सीवर की 280 किमी, पेयजल की 797 किमी पाइप लाइनों, 43 पानी की टंकियों का निर्माण, 02 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के कार्य शुरू किए थे, जिन्हें दो साल में पूरा करना था, लेकिन अफसरों की मनमानी व ठेकेदारों को प्रश्रय देने के चलते निर्माण कार्य चार साल गुजरने पर भी पूरा नहीं हुआ और आखिरी चरण तक कई किमी से ज्यादा सड़कों व अन्य स्थानों की खुदाई कर मनमर्जी के रेस्टोरेशन को लेकर अभी तक हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में ठेकेदार पर मेहरबान योजना के जिम्मेदारों ने फाइनल भुगतान के लिए ठेकेदार को तत्काल एनओसी जारी कर दी है और ठेकेदार वित्तीय बिलों को आखिरी भुगतान की प्रोसेस करने में लगा हुआ है।

हरीशंकरपुरम में सीवर निकासी हुई बंद

पार्षदों में छाई नाराजगी को हरीशंकरपुरम की पार्षद अपर्णा पाटिल की नाराजगी से समझ सकते हैं। क्योंकि यहां जिम्मेदारों ने सीवर लाइनें डालीं, लेकिन उनका मिलान व सही निकास करना भूल गए। जिसके चलते वर्तमान में हजारों लोगों के निवास वाली पूरी कॉलोनी व क्षेत्र की सीवर लाइनें फुल होकर जाम हैं और लोग परेशान हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अपनी गलती पकड़े जाने के चलते ध्यान नहीं दे रहे हैं।

सीवर लाइन डालने में की है मनमर्जी

अमृत के ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने शिवपुरी लिंक रोड जैसे अनेक स्थानों पर बसी अवैध कॉलोनाइजरों को सीवर-पानी की लाइनें डालकर करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया है और शहर के पुराने रहवासी इलाकों में समस्याएं होने पर भी लाइनें नहीं डाली गई।

कॉलोनी की सीवर लाइनें फुल होकर जाम हो चुकी हैं और अमृत .02 की प्लानिंग में पार्षदों को पूछा तक नहीं जा रहा है। जबकि क्षेत्र की समस्याएं व जानकारी पार्षदोें को सबसे ज्यादा होती है। स्थिति नहीं बदली, तो परिषद में सब मुद्दे को उठाएंगे। अपर्णा पाटिल, भाजपा पार्षद

पहले निगमायुक्त के निर्देश के बाद अधिकारियों ने एक बार पूछा था, लेकिन लंबे समय से क्या प्लानिंग हो रही है या डीपीआर में क्या काम प्रस्तावित होना है उसकी जानकारी नहीं ली है। अवधेश कौरव, एमआईसी सदस्य, निगम