18 गांवों को डैम के खतरे से आजादी

18 गांवों को डैम के खतरे से आजादी

भोपाल । के ध्वज बिके थे मो गुरुवार रात को धार के कारम डैम में आई दरार के बाद से आसपास के गांवों के लिए पैदा हुआ खतरा आजादी के जश्न से पहले खत्म हो गया। शनिवार रात से ही वैकल्पिक मार्ग बनाकर पानी की निकासी शुरू हुई। रविवार को दिन भर तीन चैनलों के जरिये पानी निकाला गया। जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अनिल सिंह ने बताया कि डैम में 15 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी का भराव था। रविवार रात 9 बजे तक इसमें से 10 एमसीएम पानी निकाला जा चुका है। अब सिर्फ डेड स्टोरेज तक पानी है। डैम से कोई खतरा नहीं है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले दो दिनों से लगातार इस काम की मॉनीटरिंग कर रहे थे।

पानी का प्रेशर बढ़ने से डैम टूटने का खतरा था

बताया जाता है कि डैम के अंदर वाले हिस्से में पाल को सुरक्षित करने मिट्टी बिछाते समय 12 मीटर के बाद मुरम से पिचिंग की गई। लेकिन दूसरी तरफ मुरम की लेयर नहीं बिछाई। 10 किमी के कैचमेंट एरिया में जलस्तर बढ़ा पर नहर के वॉल्व नहीं खोले गए। डैम में दरार आने के बाद रिसाव शुरू हुआ, तो वॉल्व खोलने शुरू किए गए। लेकिन इस दौरान 48 में से 24 नट ही खुल पाए। इससे प्रेशर बढ़ा और डैम टूटने का खतरा बढ़ गया।

बिना किसी नुकसान 18 गांवों को खतरे से बचाया

कारम डैम का खतरा टालना आपदा प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण रहा। सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुस्तैदी और मार्गदर्शन के चलते यह आॅपरेशन पूरी तरह से सफल रहा। पॉइंट्स में समझें, कैसे चला रेस्क्यू.. आईआईटी रुड़की और विशेषज्ञों की सलाह से समानांतर चैनल बनाया। मिट्टी का कटाव हुआ और नियंत्रण के साथ पानी निकासी शुरू हुई। पहले एक मीटर का चैनल बनाया गया था, जो रविवार दिन में 3 मीटर तक चौड़ा किया गया। इससे पानी जल्दी डैम से निकल गया। रात 8:30 बजे एबी रोड चालू कर दिया। 14 हजार ग्रामीणों को उनके घर जाने की अनुमति दी गई है। आर्मी के दो कॉलम, एनडीआरएफ की चारों टीमें और एयरफोर्स के दोनों हेलिकॉप्टर भी आज रवाना हो जाएंगे।

मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं। परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पाएं। यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को अब कोई संकट नहीं है। शिवराज सिंह चौहान्