मानव डीएनए में बीमारी से संबंधित बदलावों की पहचान में उपयोगी एआई

शीघ्रता के साथ बेहतर उपचार में मददगार होगी यह नई टेक्नॉेलॉजी

मानव डीएनए में बीमारी से संबंधित बदलावों की पहचान में उपयोगी एआई

लंदन। गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) फर्म डीपमाइंड ने मानव डीएनए में उन बदलावों की पहचान करने के लिए एआई का उपयोग किया है जो बीमारियों का कारण बन सकते हैं। शोधकर्ताओं ने संभावित बीमारी पैदा करने वाले जीन की पहचान करने के लिए एआई पद्धति को प्रशिक्षित किया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने सभी प्रमुख म्यूटेशन में से 89 प्रतिशत को पहचान लिया है। इस विकास से उपचार में तेजी आने और बेहतर उपचार की खोज में सहायता प्राप्त होने की उम्मीद है। एक प्रमुख स्वतंत्र वैज्ञानिक ने कहा कि यह भविष्य के लिए एक बड़ा कदम है। यूरोपीय आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशाला के उप महानिदेशक प्रोफेसर इवान बिरनी ने कहा कि यह शोधकर्ताओं को प्राथमिकता का चयन करने में मदद करेगा कि उन क्षेत्रों की कहां खोज की जाए जो बीमारी का कारण बन सकते हैं। यह तकनीक मानव डीएनए तंतु में घटकों के क्रम की जांच करती है। सभी जीवित प्राणी डीएनए से बने होते हैं।

ए,सी, जी व टी 4 ब्लॉकों से बने होते हैं डीएनए

डीएनए एडेनिन (ए), साइटोसिन (सी), गुआनिन (जी) और थाइमिन (टी) नामक रसायनों के चार ब्लॉकों से बने होते हैं। मनुष्यों में, जब एक भ्रूण विकसित हो रहा होता है, तो इन अक्षरों को प्रोटीन का उत्पादन जानने के लिए पढ़ा जाता है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों को बनाने वाली कोशिकाओं और ऊतकों का निर्माण खंड होते हैं।लेकिन अगर अक्षर गलत क्रम में होते हैं, शायद अनुवांशिकता के कारण, तो शरीर की कोशिका और ऊतक ठीक से नहीं बनते और इससे बीमारी हो सकती है। पिछले वर्ष गूगल डीपमाइंड के एआई ने मानव शरीर में लगभग सभी प्रोटीन के आकार का पता लगाया था।