कोविड-19 के नए वैरिएंट से चौथी लहर की आशंका

कोविड-19 के नए वैरिएंट से चौथी लहर की आशंका

नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर के मामले कम हो ही रहे थे कि कोविड-19 के नए मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। जैसे-जैसे कोरोना के प्रतिबंध हट रहे थे, माना जा रहा था कि कोरोना महामारी खत्म हो गई है। लेकिन हाल ही में जानकारी सामने आई है कि कोरोना का एक और नया वैरिएंट सामने आया है, जो चौथी लहर का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट के बारे में कहा कि ओमिक्रॉन और डेल्टा दोनों के तेजी से फैलने के कारण ये स्थिति आनी ही थी। कोविड- 19 के इस नए वैरिएंट का नाम डेल्टाक्रॉन है, जो ओमीक्रोन और डेल्टा के जुड़ने से तैयार हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार इस वैरिएंट की पहचान भारत में हो चुकी है और 7 राज्यों में मिलने वाले मरीजों को निगरानी में रखा गया है। इन राज्यों में कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली शामिल हैं।

देश में नए मामले फिर बढ़ना हुए शुरू

देश में जानलेवा कोरोना वायरस महामारी के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के एक हजार 1938 नए केस सामने आए हैं और 67 लोगों की मौत हो गई। कल कोरोना के 1 हजार 778 केस दर्ज किए गए थे और 62 लोगों की मौत हुई थी। देश में अबतक कोरोना के 4 करोड़ 30 लाख 14 हजार 687 मामले सामने आ चुके हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, कल देश में 2 हजार 531 लोग ठीक हुए, जिसके बाद अब एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 22 हजार 427 हो गई है। वहीं, इस महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 5 लाख 16 हजार 672 हो गई है।

चीन में हालात गंभीर और जटिल

ताइपे। ओमीक्रोन स्वरूप के कारण कोविड-19 के अब तक के सबसे कठिन दौर का सामना कर रहे चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने हालात को गंभीर और जटिल बताया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक एक मार्च से देश में संक्रमण के 56,000 से ज्यादा मामले आ चुके हैं। इनमें से आधे से अधिक मामले उत्तर-पूर्वी जिलिन प्रांत में आए हैं और इसमें बिना लक्षण वाले मामले भी शामिल हैं। हांगकांग के मामले इसमें शामिल नहीं हैं। चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (सीडीसी) के संक्रामक बीमारी विशेषज्ञ वू जुनयू ने कहा, चीन जीरो कोविड के लक्ष्य का पालन करने की दिशा में काम कर रहा है क्योंकि यह कोविड के खिलाफ रोकथाम की सबसे कारगर रणनीति है। इस नीति से ही महामारी के छिपे हुए खतरे का उन्मूलन संभव है। जीरो कोविड नीति के तहत लॉकडाउन और करीबी संपर्क की जांच समेत बड़े पैमाने पर जांच, संदिग्ध व्यक्ति को घर पर पृथक-वास या सरकारी केंद्र में भेजना शामिल है।

नाक से ज्यादा पेट पर हो रहा है असर

डेल्टाक्रॉन पर की गई स्टडी के मुताबिक, इस वैरिएंट के 2 प्रमुख लक्षण चक्कर आना और थकान हैं, जो कि संक्रमित होने के 2-3 दिन के अंदर महसूस होने लगते हैं। रिपोर्ट बताती हैं कि डेल्टाक्रॉन का असर नाक से ज्यादा पेट पर हो रहा है। पेट पर इसके प्रभाव के कारण रोगी को मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, जलन, सूजन और डाइजेसन जैसी समस्याओं हो सकती हैं। डेल्टाक्रॉन रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट है, जो कि ओमिक्रॉन और डेल्टा वैरिएंट के जुड़ने से बना है।

अभी कुछ बताना मुश्किल

फ्रांस के एक्सपर्ट फिलिप कोलसन के मुताबिक, इस वैरिएंट के अभी दुनिया में बहुत कम मामलों की पुष्टि हुई है, इसलिए यह बताना कि डेल्टाक्रॉन अधिक संक्रामक होगा या गंभीर बीमारी का कारण होगा या नहीं, इस बारे में कहना मुश्किल है।