ग्यारह पवित्र नदियों के जल से होगा सवा लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग का पूजन

ग्यारह पवित्र नदियों के जल से होगा सवा लाख रुद्राक्ष से निर्मित शिवलिंग का पूजन

इंदौर। श्रावण एवं पुरुषोत्तम मास के पावन प्रसंग पर म.प्र. में दूसरी बार इंदौर के गीता भवन में सवा लाख पंचमुखी रुद्राक्ष से 13 फीट ऊंचे शिवलिंग के साथ द्वादश ज्योतिर्लिंग के भी दर्शन आम भक्तों को गुरुवार 10 अगस्त से हो सकेंगे। आज दोपहर 12.04 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त में विशिष्ट अतिथियों द्वारा देश की 11 पवित्र नदियों के जल एवं पांच ज्योतिर्लिंग की मिट्टी से निर्मित द्वादश ज्योतिर्लिंग के अभिषेक पूजन के साथ इस दिव्य महोत्सव का शुभारंभ होगा। आम श्रद्धालु यहां प्रतिदिन अभिषेक, दर्शन एवं पूजन के बाद अभिमंत्रित पंचमुखी रुद्राक्ष का प्रसाद भी प्राप्त कर सकेंगे। समाजसेवी प्रेमचंद गोयल, विनोद अग्रवाल एवं राम ऐरन के मार्गदर्शन में उत्सव की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

गोयल पारमार्थिक ट्रस्ट, बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन एवं गीता भवन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में वृंदावन के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद की प्रेरणा से वापी (गुजरात) के उत्सव चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख विजय भाई शास्त्री की टीम द्वारा गीता भवन में पिछले एक सप्ताह से सवा लाख पंचमुखी रुद्राक्ष से 13 फीट ऊंचे शिवलिंग का निर्माण कार्य किया जा रहा था, जो आज पूरा हो गया है। शिवलिंग के साथ पंच धातु तथा र्इंट एवं सीमेंट से जलाधारी का निर्माण भी किया गया है। पहली बार शिवलिंग के साथ देश के पांच प्रमुख ज्योतिर्लिंगों से बुलवाई गई पवित्र मिट्टी से निर्मित द्वादश ज्योतिर्लिंग का निर्माण भी गुजरात के केतनभाई-अरुणा दम्पति द्वारा किया गया है।

इनके दर्शन भी आम भक्तों को गीता भवन परिसर में प्रतिदिन सुबहशा म हो सकेंगे। शिवलिंग के अभिषेक के लिए जल एवं कलश आदि की व्यवस्था भी यहां उपलब्ध रहेगी। सभी भक्तों के लिए अभिमंत्रित रुद्राक्ष प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा। फिलहाल ढाई लाख रुद्राक्ष प्रसाद वितरण के लिए बुलवाए गए हैं। इसी तरह अभिषेक के लिए देश की पवित्र 11 नदियों, नर्मदा, क्षिप्रा, गंगा, यमुना, कालीसिंध, गोदावरी, ताप्ती, कृष्णा, कावेरी और पार्वती जैसी नदियों का जल बुलवाया गया है। द्वादश ज्योतिर्लिंग के निर्माण में महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, र्त्यंबकेश्वर, भीमाशंकर एवं घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंगों की मिट्टी का उपयोग किया गया है।