स्टेट मेंटल अथॉरिटी गठन के अलावा अन्य प्रावधान का होना चाहिए पालन  सरकार को जवाब पेश करने मोहलत, अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को

स्टेट मेंटल अथॉरिटी गठन के अलावा अन्य प्रावधान का होना चाहिए पालन  सरकार को जवाब पेश करने मोहलत, अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को

जबलपुर। स्टेट मेंटल हैल्थ अथॉरिटी संबंधी मामले में हाईकोर्ट के समक्ष कहा गया कि अथॉरिटी का गठन तथा उनके नियम के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, लेकिन एक्ट के तहत अन्य प्रावधानों का पालन के संबंध में भी आदेश पारित किए जाने चाहिए।
चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष उक्त मामले में सरकार की ओर से कहा गया कि इस संबंध में सरकार विचार कर रही है, उन्हें जवाब पेश करने समय प्रदान किया जाए। जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर तक के लिए मुलतवी कर दी है।

ये है मामला :
यह मामला मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति की मंजूरी 7 अप्रैल 2017 को मिलने के बाद प्रत्येक राज्य में उक्त अथॉरिटी का गठन 9 माह में होना था, लेकिन मप्र में ऐसा नहीं हुआ जो अवैधानिक है। याचिका में जबलपुर स्थित डुमना में मिली एक विक्षिप्त महिला को उपचार के लिए ग्वालियर भेजे जाने की घटना का भी उल्लेख किया गया था। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया था कि स्टेट मेंटल हैल्थ अथॉरिटी के गठन तथा उसके नियम के संबंध में सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। 

बोर्ड भी होना चाहिए गठित
याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से युगलपीठ को बताया गया कि एक्ट के अनुसार मानसिक स्वास्थ समीक्षा बोर्ड का गठन भी किया जाना है। इसके लिए प्रशिक्षित स्टॉफ  के अलावा इंफ्रास्टेक्चर की आवश्यक है। सुनवाई के दौरान उक्त जानकारी युगलपीठ के समक्ष पेश की गई। जिस पर सरकार की ओर से जवाब के लिए समय की राहत चाही गई। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य अधिकारी व अधिवक्ता सत्यम अग्रवाल तथा सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने पक्ष रखा।