बाढ़ में बह गए 90 घड़ियाल और 14 डॉल्फिन

बाढ़ में बह गए 90 घड़ियाल और 14 डॉल्फिन

ग्वालियर। पिछले साल अगस्त में अतिवृष्टि के कारण चंबल और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ आई थी। इसी बाढ़ के कारण चंबल सेंचुरी से घड़ियाल और डॉल्फिन तेज बहाव के साथ पचनदा की और बह गर्इं। बहे हुए घड़ियालों की यमुना पहुंचने की पुष्टि डीएफओ चंबल सेंचुरी ने की है। बाढ़ के कारण मार्च 2022 में हुई गिनती में घड़ियालों की संख्या कम आई है। 2021 की गणना में चंबल सेंचुरी में 2100 से अधिक घड़ियाल बताए गए थे। लेकिन 2022 में यह संख्या 2014 बताई गई है। वहीं, डॉल्फिन की संख्या 85 की जगह 71 बताई गई है। सेंचुरी में मगर की संख्या 865 बताई जा रही है। इनके अलावा इंडियन स्कीमर कितने हैं यह साफ नहीं है। कछुओं की गिनती नहीं होती है इसलिए इनकी संख्या की जानकारी नहीं है। गिनती में एक पेंच यह भी है अगर एमपी की सीमा वाले घड़ियाल, मगर और डॉल्फिन राजस्थान और यूपी की सीमा में पहुंच गए तो वे उन दोनों राज्यों की गिनती में आते हैं और एमपी में संख्या कम दिखने लगती है। बहकर गए जीवों की पड़ोसी राज्यों में होती है गिनती: इन जलीय प्राणियों की गिनती पड़ोसी राज्य राजस्थान और यूपी फॉरेस्ट विभाग ने भी कराई थी। एमपी में सात दिन तक गिनती चली थी। दोनों पड़ोसी राज्यों के फॉरेस्ट विभाग अपनी सभी टीम को लगाकर एक ही दिन में पूरी गिनती कर ली थी।

कम हुई संख्या

चंबल सेंचुरी में 2014 घड़ियाल और 71 डॉल्फिन गिनती में आर्इं थीं। यह दोनों संख्या वर्ष 2021 में पिछले साल से कम है। इनके यमुना नदीं में बहकर जाना पता चल रहा है। - रविन्द्र स्वरूप दीक्षित, डीएफओ, चंबल सेंचुरी